दिल बेचारा (2020): फिल्म समीक्षा – MustFrills

दिल बेचारा (2020): फिल्म समीक्षा

दिल बेचारा (2020): फिल्म समीक्षा

दिल बेचारा बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म है, जिनकी मृत्यु 14 जून 2020 को 34 वर्ष की आयु में हुई। दिल बेचारा अमेरिकी लेखक जॉन माइकल ग्रीन के उपन्यास “फाॅल्ट इन अवर स्टार्स” पर आधारित है, जो 2012 में न्यूयॉर्क टाइम्स के सर्वश्रेष्ठ विक्रेता की सूची में शामिल था। उनकी किताब ने 2013 में “टीन बुक ऑफ द ईयर” पुरस्कार भी जीता था।


फिल्म का निर्देशन मुकेश छाबड़ा ने किया है, जो पिछले 10 वर्षों से कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में फिल्म उद्योग में होने के बाद निर्देशक की टोपी के साथ पदार्पण कर रहे हैं। वह दृश्यों में भावनाओं को खूबसूरती से प्रस्तुत करने में सक्षम हैं जो दर्शकों को पात्रों के साथ जोड़कर उन्हें यादगार बनाते हैं। उन्हें लम्बी रेस का घोड़ा कहा जा सकता है।

मुकेश छाबड़ा पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था और जिसके परिणामस्वरूप पोस्ट प्रोडक्शन में देरी हुई थी। बाद में मुकेश छाबड़ा को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था और फिल्म का काम शुरू हुआ। लेकिन फिल्म को पहले COVID-19 महामारी के कारण रिलीज नहीं किया जा सका और अंत में 24 जुलाई 2020 को हॉटस्टार पर मुफ्त में रिलीज किया गया। इस बीच, सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के चलते निर्माताओं द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि के रूप में उनकी आखिरी फिल्म को प्रर्दशित किया गया है। इसके ट्रेलर ने पिछले सभी रिकॉर्डों को तोड़ते हुए YouTube पर 1 करोड़ लोगों द्वारा देखने का रिकॉर्ड बनाया।


इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत मन्नी के रूप में और नवोदिता संजना सांघी किजी बसु के रूप में अपनी शानदार प्रस्तुति के साथ छाप छोड़ जाते हैं। इस फिल्म में दो ऐसे युवाओं के बीच प्यार को दर्शाया गया है जो मौत के कगार पर हैं। अन्य सभी अभिनेताओं का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है।

तकनीकी रूप से, सत्यजीत पांडे की सिनेमैटोग्राफी उत्कृष्ट है। एआर रहमान का बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है। आरिफ शेख द्वारा किया गया संपादन बेहतर हो सकता था। फिल्म को फॉक्स स्टार स्टूडियोज ने 25 करोड़ रुपये के बजट के साथ निर्मित किया है।

कुल मिलाकर, दिल बेचारा एक इमोशनल ड्रामा है जिसमें हल्का फुल्का रोमांस है। सुशांत सिंह राजपूत के प्रशंसकों के लिए एक बहुत जरूरी फिल्म और बाकी लोगों के लिए एक बार देखने योग्य।

रेटिंग: पांच में से तीन

द्वारा
आर एस शांडिल्य